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Sheetal Dange

Drama

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Sheetal Dange

Drama

आज रचनाकार उदास है

आज रचनाकार उदास है

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क्या लिखा जाए, के आज रचनाकार उदास है

शब्दों का मन पर होने वाला शृंगार उदास है ॥

यूँ तो फूलों से सजा हुआ है घर, लेकिन

घर में बसने वाला संसार उदास है ॥


लिखी जाएगी कोई व्यथा,

कोई उदास सी कविता,

या कोई छंद थका सा

या फिर मौन का ही आज अट्टहास है ॥

...आज रचनाकार उदास है


क्या कोई दोहा चुहल करेगा,

चुटकुला कोई पुलक उठेगा

शायद शब्दों से शब्द मिलेगा

जैसे टिमटिमाते जुगनुओं की उजास है


उम्मीद पर टीकी है दुनिया

कैसा भी हो समय न टिकता

होगा कृतियों का रेलमपेला

इस कला में ये ठहराव खास है


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