Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Sheetal Dange

Romance

3.5  

Sheetal Dange

Romance

प्यार का रंग

प्यार का रंग

1 min
168


जिन्दगी के प्याले को कहीं छलकाते कहीं भरते रहे

ऐ खुदा तेरी खुदाई में, बिन पीये हम बहकते रहे ॥


गुलों से, शूलों से, खाक ए गुलज़ार से भी की मोहब्बत

मिट्टी की सोंधी खुशबू से सदा महकते रहे ॥


प्यार का रंग ही था जो चढ़ा तो उतरा नहीं

मुलम्मे कई परत दर परत उतरते रहे ॥


इरादों की मजबूती से सख्त ना हो पाए, शायद

हर तंग राह में आब-ए नूर से बहते रहे ॥


बुर्ज औ इमारत कोई आलीशान सी ना बनी

हर सूँ दिलों के आशियाँ मगर सजते रहे ॥


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance