कितनी मोहब्बत है...
कितनी मोहब्बत है...
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कितनी मोहब्बत है,
हाय ये कैसी चाहत है
मोहब्बत ही मोहब्बत है,
ना आईना है, ना कोई शख्स है,
ये तस्वीरें ही कुछ और है।
हाय ये कैसी चाहत है,
मोहब्बत ही मोहब्बत है,
बन्द किताबों के पन्नों में,
ये अलग धुंधली सी परछाई है।
हाय ये कैसी चाहत है,
समझनेवाले भी ना समझ सकें,
कि कितनी मोहब्बत है।