इसी का नाम ज़िंदगी
इसी का नाम ज़िंदगी
राह चलती ज़िंदगी में कौन
किसके साथ है पता ही नहीं चलता।।
आंखें नम होकर भी कौन
कोइ अपना आंखें पोंछने नहीं चला आता।।
सब होकर भी कौन
अपना कौन पराया समझ नहीं आता।।
सब कहते ज़रूर है फिर भी कौन
अपना कोइ भी एक पास नहीं होता।।
सब ठीक होगा ये आरजू कम होंगे
तब कोइ शिकवा या किसी से फरक नहीं पड़ता।।
ऐसे अवसर बहुत आयेंगे दुःख के बादल होंगे
तभी अकेले रह कर खुदको संभालना मुश्किल ना होता।।
