STORYMIRROR

Bhagyashri Chavan Patil

Fantasy

3  

Bhagyashri Chavan Patil

Fantasy

आजाद चिड़िया

आजाद चिड़िया

1 min
129

आ थोड़ी ख़ुद से मोहब्बत कर लूं

कितनों ने घर बसाया है यहां

अब थोड़ी ख़ुद को जगह दिला लूं।।


बहुतों से इश्क़ कर यूं ख़ुद को छुड़ा लूं

कितनों ने दर्द बाटा है यहां

अब खुद को थोड़ा यूं आज़ाद कर लूं।।


मुझसे मिला हर वक्त बिताया कर लूं

कितनों ने वक्त बर्बाद किया है यहां

क्यों ना आज मैं वक्त को उसका हक़ दे लूं।।


अब थोड़ी खुद की शिकायत कर लूं 

कितनों ने बताया फिर भी नज़रअंदाज़ किया यहां

क्यों ना आज खुद की उम्मीदों पे खरा उतर लूं।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy