रिश्तों के रंग होते हैं निराले, कुछ उजले, कुछ काले दुख में परखे जाते रिश्ते रिश्तों के रंग होते हैं निराले, कुछ उजले, कुछ काले दुख में परखे जाते रिश्त...
दुनिया ने तो फैसले भी सुना दिए। दुनिया ने तो फैसले भी सुना दिए।
आज अपनी लेखनी से उसे उकेरा है, आज अपनी लेखनी से उसे उकेरा है,
ऐ मेरे सदन ऐ मेरे घर, मैं कहाँ रहती तू ना होता गर मै तेरी हूँ बहुत बहुत आभारी। ऐ मेरे सदन ऐ मेरे घर, मैं कहाँ रहती तू ना होता गर मै तेरी हूँ बहुत बहुत आ...
कोई क्यूॅं इतना अंजाना है... या यह वक्त साजिश, कारनामा है...? कोई बतलाएगा...? कोई क्यूॅं इतना अंजाना है... या यह वक्त साजिश, कारनामा है...? कोई बतलाएगा...?
कभी बचपन कभी जवानी का अल्हड़पन कभी बचपन कभी जवानी का अल्हड़पन