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Archana Tiwary

Drama

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Archana Tiwary

Drama

दर्पण

दर्पण

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वह मेरा सच्चा हमदर्द, मेरी सहेली भी

क्योंकि वह कभी झूठ नहीं बोलती 


स्वयं को निहारा जब उसमें 

किसी अभिनेत्री से कम न आँका खुद को

कभी बचपन कभी जवानी का अल्हड़पन

और अब चेहरे की लकीरों 

और बालों की सफेदी दिखाकर 

एहसास कराती उम्र का खंडहर नहीं

एक मजबूत इमारत बन गई हूँ

यह समझाया उसने 

देख देख उसमें खुद को पहचाना है 

झाँक कर उसमें सही निर्णय लिया है 

वक्त पड़ा जब दुख का 

मेरे साथ साथ आँसू छलकाए इसने  

खुशियों के न जाने कितने खूबसूरत पल

दिखाकर हर्षाया है मुझे 

हाँ, वह सच्ची सहेली मेरा दर्पण ही तो है


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