दुनिया ने तो फैसले भी सुना दिए। दुनिया ने तो फैसले भी सुना दिए।
कोई क्यूॅं इतना अंजाना है... या यह वक्त साजिश, कारनामा है...? कोई बतलाएगा...? कोई क्यूॅं इतना अंजाना है... या यह वक्त साजिश, कारनामा है...? कोई बतलाएगा...?
हे वर्ष पुराने! जाओ तुम! यह विदा गीत हम गाते हैं.. हे वर्ष पुराने! जाओ तुम! यह विदा गीत हम गाते हैं..
रिश्तों के रंग होते हैं निराले, कुछ उजले, कुछ काले दुख में परखे जाते रिश्ते रिश्तों के रंग होते हैं निराले, कुछ उजले, कुछ काले दुख में परखे जाते रिश्त...
आज अपनी लेखनी से उसे उकेरा है, आज अपनी लेखनी से उसे उकेरा है,
फिर कभी नहीं जगमगायी... तेरे जाने बाद... फिर कभी नहीं जगमगायी... तेरे जाने बाद...