पूछते हैं सब मुझको, क्यों उदास मेरा चेहरा। क्यों तन्हा मैं इतनी, तुम को एहसास नहीं है। पूछते हैं सब मुझको, क्यों उदास मेरा चेहरा। क्यों तन्हा मैं इतनी, तुम को...
स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को पानी, होते हुए देखा है मैंने ! स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को पानी, होते हुए देखा है मैंने !
आज उस रेत को दर्द बहुत होता होगा, तुम्हारे बदल जाने का अहसास वो भी महसूस करती होगी, आज वो भी हमसे मि... आज उस रेत को दर्द बहुत होता होगा, तुम्हारे बदल जाने का अहसास वो भी महसूस करती हो...
कभी भीगने की आस में सूखती जाती हूँ कभी सूखने की आस में, सीलती जाती हूँ ! भावनाओं की नमी ने ही, जोड़ र... कभी भीगने की आस में सूखती जाती हूँ कभी सूखने की आस में, सीलती जाती हूँ ! भावनाओं...
अनंत काल से वर्तमान आँचल ममता लहराया नारी। अनंत काल से वर्तमान आँचल ममता लहराया नारी।
बढ़ते हाथ रुक गए, पत्र लिखा जो तेरे लिए, मगर भेजा ही नहीं। बढ़ते हाथ रुक गए, पत्र लिखा जो तेरे लिए, मगर भेजा ही नहीं।