सीता की अग्नि परीक्षा कब तक
सीता की अग्नि परीक्षा कब तक
सीता की अग्नि परीक्षा कब तक
नारी के आत्मसम्मान पर,
उठते रहेगें प्रश्न जब तक
सीता की अग्नि परीक्षा तब तक।
जब तक तुम मूक रहकर,
सब सह जाओगी इज्जत पाओगी।
बस हां में हां मिलाओंगी
तब तक तुम देवी रूप पूजी जाओगी।
तुम्हारे विद्रोह का एक शब्द,
विचलित ना कर दे,
पुरुष अहम को जब तक
सीता की अग्नि परीक्षा तब तक।
नारी के आत्मसम्मान पर
उठेंगे प्रश्न जब तक।
खोखले आदर्शों की वेदी पर
सती होगी तुम तब तक।
आंखों में नमी पर होठों पर हंसी
लेकर हंसोगी जब तक।
अपने आत्मसम्मान के लिए
लड़ोगी जब तक।
सीता की अग्नि परीक्षा होगी
हर नारी रूप में तब तक।
