ममता की चादर अगर तेरी थी तो वही चादर आधी मेरी भी थी l ममता की चादर अगर तेरी थी तो वही चादर आधी मेरी भी थी l
फिर सारे गमों को भुलाकर छोटी-छोटी बातों पर खुश होना पागलपंती है, तो पागल ही हूँ मैं। फिर सारे गमों को भुलाकर छोटी-छोटी बातों पर खुश होना पागलपंती है, तो पागल ही ...
मंज़िल तक क्यों नहीं पहुंचे सोचे कितनी कहाँ कसर रही जल्दी टूटी थी आशायें या। ... मंज़िल तक क्यों नहीं पहुंचे सोचे कितनी कहाँ कसर रही जल्दी टूटी थी आशायें या। ...
और बहुत पहले खो चुके होते हैं जीतना और जीना भी। और बहुत पहले खो चुके होते हैं जीतना और जीना भी।
पर बच्चों और पत्नी को मजबूती और हिम्मत दिखाता है। पर बच्चों और पत्नी को मजबूती और हिम्मत दिखाता है।
यह एक सफर मात्र ही नहीं, मंजिल भी है मेरी। यह एक सफर मात्र ही नहीं, मंजिल भी है मेरी।