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Honey Jain

Drama Others

4.0  

Honey Jain

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रामराज और आज

रामराज और आज

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कुछ नहीं बदला आज में और कल के रामराज में

रावण ने एक सीता को अपमानित किया

और आज ना जाने कितनी सीता

अपमानित होती इस कलयुगी राज में

कुछ नहीं बदला आज में और कल के रामराज में


अहंकार का रावण बसता हर एक इंसान में

कुछ नहीं बदला आज में और कल के रामराज में


छल कपट से तोड़ते है जिस पर करते तुम विश्वास अटूट,

जैसे रावण ने तोड़ा विश्वास सीता का ले साधु का रूप..


आज की सोच ना खुश रहो न रहने दो

यह रीत रामराज से चली आयी,

राम जी को वनवास भेजकर माता कैकयी ने

क्या सुख भोगा भाई


आज हर इंसान जल

ता है बदले की ज्वाला में

ना कोई करना चाहता किसी की भूल माफ़,

यह ही तो हुआ था रामराज में जब काटी थी

लक्ष्मण ने सुपर्णखा की नाक


घर का भेदी लंका ढाये यह सिद्ध हुआ रामराज में,

जैसे अपने देश के गद्दार बन जाते है जासूस

दूसरों के राज में


सीता जी की अग्नि परीक्षा का विभिन्न परीक्षाओं ने

लिया है रूप ,

अपने आप को सही साबित करना ही रह गया

नारी का जीवन स्वरूप


चाहे हो बात रामराज की या हो बात आज की ..

एक इंसान के अच्छे होने से यह देश बदल ना पाएगा,

हम भी बदले तुम भी बदलो, तभी एक खुशहाल राज बन पायेगा…


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