मोहब्बत की दास्तान
मोहब्बत की दास्तान
दिल की धड़कनें जो बेचैन थी
अब उन्हें आराम मिल गया
बेनाम रिश्ता था जो गहरा सा
अब उसे नाम मिल गया
ये इश्क है जो सही जवाब है
इसकी खोज में बेनींद बीती हैं रातें
अब नींद पुरानी पूरी होगी
अब एक कहानी शुरु होगी
जो बेनाम था रिश्ता
हुआ है नामोल्लेख इसका
जो नूर पाया है फितरत ने
होगा खुश नसीब वो
जो पायेगा ऐसा मुक़द्दर
उसे ही ज़िंदगी में मिलेगा
ऐसा मोहब्बत ए दास्तान
वो प्रेम ही क्या जिसका
इम्तिहान न हो
वो जीवन ही क्या जिसमे
प्यार न हो
जितना भी दूर हो तुमसे
फिर भी क़रीब दिल के
वह तेरी खोज है
वही तेरा नसीब
दिल की बातें दिल से कही
जब जब वो नज़रें मिलीं
बेख्याली में ख़्वाब तेरा
हर व्याख्यान में नाम तेरा
तू ही है मेरी ज़िंदगी
तेरे बिना इश्क सूफियाना नहीं
हर बंधन में तू है
तेरे बिन लगे ये जहाँ अजनबी
तेरे रंग में मुझ को रंग दिया
अब कोई और रंग दिखता नहीं
अब नज़रें सिर्फ़ वहीं टिकी है
जहाँ तुम्हारी आहट हो
डर न हो कि यह सपने
टूट जायेंगे
रूठ जाएँगे अपने तो
हँसकर मना लेंगे
रख भरोसा प्यार पर
हम उन सपनों को
यथार्थ बना लेंगे
जब साथ हो तुम
तो हर बाजी मार लेंगे
ये इश्क है वो नाम
इसमें कोई शक नही
तू ही है अब जुस्तज़ू
तू ही है नसीब
अब ना कहना अब ना
कहने का इन सपनों को
इसकी कोई वजह नहीं
ये प्यार ही है वो नाम
इसमें कोई शक नहीं....।

