STORYMIRROR

Harsha Shende

Drama Romance

3  

Harsha Shende

Drama Romance

जिंदगी

जिंदगी

1 min
349

मुझसे खफ़ा हो गयी

तुझसे शुरु तुझपे ही खत्म हो गयी


तुझसे मिलने से पहले

क्या थी अब क्या से क्या हो गयी


एक पत्थर की मूरत

जिस्म था पर बेजान सी थी


दिल गया था भूल धड़कना

बस गिरता था तो आँख से पानी


सून के आहट तेरे कदमों की

थम गया आँख से बहता पानी


जब से देखा है तुझको

दिल लगा है फिर से धड़कने को


जो छुआ तूने ऐसे 

बढ़ गयी हो जीने की तमन्ना जैसे


तुम करीब आये हो ऐसे

लगने लगे हो अपने जैसे


प्यार का दीप जलाया 

तुमने इस बेजान से दिल मे


बुन रही थी जो मैं सपने

टूट गये वो सच होने से पहले


जो गये हो तुम ऐसे

कर गये बेजान जिस्म फिर से


ना रहा अब बहता पानी

हो गयी खत्म मेरी कहानी


मुझसे खफ़ा हो गयी

तुझसे शुरु तुझपे ही खत्म हो गयी...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama