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Harsha Shende

Tragedy Crime

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Harsha Shende

Tragedy Crime

हादसा

हादसा

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भटक रही थी 

तलाश कर रही थी खाना

चाहती थी बच्चे को खिलाना

हाथ नहीं फैलाये किसी के आगे 

ना किया नुकसान ना की तबाही

बस तलाश कर रही थी खाना

चाहती थी बच्चे को खिलाना


हो गयी सिर्फ एक ग़लती

कर लिया आँख मूंद कर भरोसा

दिया जो, खुश हो कर उसे खा लिया

ना मिला गलती सुधारने का भी मौका 

तड़प रही थी दर्द से 

सोच रही थी 

कितना महंगा पड़ा खाना 


चुकानी पड़ी कीमत 'अपनी और बच्चे की जान से'

हो गयी सिर्फ एक ग़लती

कर लिया आँख मूंद कर भरोसा

जानवर है हम पर इनकी तरह हैवान नहीं

गुजारीश बस एक हैं 

ना करना कभी यकीन ख़ुदग़र्ज़ इन्सान पे

जो किया मैने यकीन

उतरी हूँ मौत के घाट मैं



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