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Pratima Chaudhary

Tragedy Others

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Pratima Chaudhary

Tragedy Others

क्यों मैं बच गई!

क्यों मैं बच गई!

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क्यों मैं बच गयी, उन कहरो से,

भ्रूण हत्या, कुरीतियों, और अमावताओं से,

मिट जाती मिट्टी में,

न होती मेरी पहचान,

न होती मैं बदनाम,

न होती मैं हैवानों से दो चार,

न होती यौन शोषण का शिकार,

न चढ़ती मैं दहेज़ की बलि,

न होती एसिड अटैक का शिकार,

न बलात्कारियों की बनती हवस,


क्यों बच गयी मैं?

क्यों बच गयी मैं?

निभाते- निभाते सहते- सहते,

थक गयी हूँ मैं,

ये ज़िंदगी मिली है मुझे,

फिर भी हँस लेती हूँ मैं,

फिर लगता है,

क्यों नहीं मैं बन जाऊँ,

इस पाप की भागीदार,

न दूँ बेटी समाज को,

मिटा दूँ उसकी पहचान,

फिर से न उठ जाये ये सवाल,

क्यों बच गयी मैं,?

क्यों बच गयी मैं?



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