तुझे आभास नहीं तूने किसको है पुकारा।। तूने मेरे सम्मान और स्त्रीत्व को है ललकारा। तुझे आभास नहीं तूने किसको है पुकारा।। तूने मेरे सम्मान और स्त्रीत्व को है ललक...
क्या घर की लाडली स्कूल भी न जाये, क्या तेरी बेटी भी यूँ ही शिकार हो जाये। क्या घर की लाडली स्कूल भी न जाये, क्या तेरी बेटी भी यूँ ही शिकार हो जाये।
निज लोभ बढ़ा मानव मन, अधर्म हुआ विकसित... निज लोभ बढ़ा मानव मन, अधर्म हुआ विकसित...
अखबारों में भी हर सू इसी का चर्चा रहता है कैसा बशर है देखो! कितना सोच लेता है अखबारों में भी हर सू इसी का चर्चा रहता है कैसा बशर है देखो! कितना सोच लेता है
अपनी हसरत तो कोई भी मिटा सकता है, वो हैवानियत है जमाने की हसरत कहाँ है। अपनी हसरत तो कोई भी मिटा सकता है, वो हैवानियत है जमाने की हसरत कहाँ है।
किसी ने इसांनियत छोड़ी थी! बेर्शमी की हर हद तोड़ी थी! किसी ने इसांनियत छोड़ी थी! बेर्शमी की हर हद तोड़ी थी!