अखबारों में भी हर सू इसी का चर्चा रहता है कैसा बशर है देखो! कितना सोच लेता है अखबारों में भी हर सू इसी का चर्चा रहता है कैसा बशर है देखो! कितना सोच लेता है
अपने भीतर पालकर, नफरतों के दानवों को, मानवों को मारकर, लो गया, है आदमी। अपने भीतर पालकर, नफरतों के दानवों को, मानवों को मारकर, लो गया, है आदमी।