पावन प्रकृति का मिला संस्कृति को उपहार पावन प्रकृति का मिला संस्कृति को उपहार
अपने भीतर पालकर, नफरतों के दानवों को, मानवों को मारकर, लो गया, है आदमी। अपने भीतर पालकर, नफरतों के दानवों को, मानवों को मारकर, लो गया, है आदमी।