Gajanan Pandey
Drama
भीड़ से बचना है
घर पर बने रहना है।
हाथ न मिलाना है
संक्रमण को दूर रखना है।
जो सेवा में साथ खडे हैं
उनका धन्यवाद करना है।
कविता के संबंध में 10 शब्द -
जन सेवा महान धर्म है ।
मन आईना है
रंग
संस्कारों से ...
जिंदगी का सफर
समय
पुस्तक
ईश्वर
स्वास्थ्य ही ...
क्या भूलूँ, क...
हमारे हाथ कर्...
ना होती खींचातानी ना करता कोई मनमानी ना होती खींचातानी ना करता कोई मनमानी
आते जब भी मेहमान दर पर तारीफ किए न रहे पाते पर आते जब भी मेहमान दर पर तारीफ किए न रहे पाते पर
कोई देवता नहीं एक साधारण मानव केवल एक साधारण मानव..................... कोई देवता नही... कोई देवता नहीं एक साधारण मानव केवल एक साधारण मानव..................... ...
चाहत रूह की क्या हैं जान बैठे, उसकी गलियों से यूं गुज़रे की अपना पता हम भूल बैठे, चाहत रूह की क्या हैं जान बैठे, उसकी गलियों से यूं गुज़रे की अपना पता हम भूल ब...
चलो उठो मेरे भाई, भर लो उत्साह चलो जोरों से करते हैं तैरने की तैयारी चलो उठो मेरे भाई, भर लो उत्साह चलो जोरों से करते हैं तैरने की तैयारी
हो जय घोष हरदम हमारा, वंदे मातरम-वंदे मातरम।। हो जय घोष हरदम हमारा, वंदे मातरम-वंदे मातरम।।
मैं कब तक संभालूँ तुमको यूँ ही अकेले साथी मेरे..? मैं कब तक संभालूँ तुमको यूँ ही अकेले साथी मेरे..?
बस खो जायेंगी और अंततः सर्वदा के लिए बंद हों जायेंगी। बस खो जायेंगी और अंततः सर्वदा के लिए बंद हों जायेंगी।
तुम हो मेरे ख्वाबों की मल्लिका, इश्क की महफ़िल सजा जाओ, तुम हो मेरे ख्वाबों की मल्लिका, इश्क की महफ़िल सजा जाओ,
अलौकिक देव पुरुष, करती वंदन, हे पितृ शक्ति, कोटि कोटि नमन। अलौकिक देव पुरुष, करती वंदन, हे पितृ शक्ति, कोटि कोटि नमन।
मन मंदिर में मूरत है वो मूरत ही तुम्हारी है मेरे मन में बसे हो तुम मुख ना मोड़ना मोहन मन मंदिर में मूरत है वो मूरत ही तुम्हारी है मेरे मन में बसे हो तुम मुख ना मोड़...
हर रात का प्रभात होता है, तुम भी शायद ये कहा करती थी। कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी व हर रात का प्रभात होता है, तुम भी शायद ये कहा करती थी। कभी याद तो आती होगी, तु...
बस रोने की वजह बदल गई पड़ोस में एक बेटी गुज़र गई....... बेटी गुज़र गई...... बस रोने की वजह बदल गई पड़ोस में एक बेटी गुज़र गई....... बेटी गुज़र गई......
मौसम थे बदले, फिर भी बदलेंगे, ये है वो सफर जिसकी मंज़िल नहीं, मौसम थे बदले, फिर भी बदलेंगे, ये है वो सफर जिसकी मंज़िल नहीं,
बार बार अलार्म का बजना, और मेरा उसे बंद करना, बार बार अलार्म का बजना, और मेरा उसे बंद करना,
बिन दरवाज़े बिन खिड़की के इस पिंजरे का क्या करूं, इन हथेलियों पर लिखें कल को मैं कैसे बिन दरवाज़े बिन खिड़की के इस पिंजरे का क्या करूं, इन हथेलियों पर लिखें कल को ...
मित्र की आन, बान, शान के लिए जान क़ुर्बान करता। मित्र की आन, बान, शान के लिए जान क़ुर्बान करता।
थोड़ा सा तो कुछ असर पड़ेगा , शायद बदले मेरा देश। थोड़ा सा तो कुछ असर पड़ेगा , शायद बदले मेरा देश।
यह मुआ मौसम है आफ़त सी, करूं मैं क्या यह मुआ मौसम है आफ़त सी, करूं मैं क्या
किन्तु…. होता है हृदयविहीन सदा स्मरण रहे ! किन्तु…. होता है हृदयविहीन सदा स्मरण रहे !