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Pankaj Prabhat

Drama Inspirational Others

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Pankaj Prabhat

Drama Inspirational Others

स्मार्ट फ़ोन

स्मार्ट फ़ोन

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फ़ोन मेरा सब कुछ, ही है, इसके बिन रहा न जाये,

इससे मेरे शाम और सहर, इस बिन कहाँ हम जाएँ?

ज़िंदा थे बिन इसके भी हम, अब बिन जिया न जाए,

जब से स्मार्ट हुआ है ये, हम भी स्मार्ट कहलाएँ।


ये फ़ोन दोस्त भी है, ये फ़ोन है दिलरुबा भी,

ये गुरु भी है अपना, ये फ़ोन है झुनझुना भी।

पहले कोने में बजता था ये, अब सीने पर टुंटुनाए,

कोने में अब रहते हैं हम, और घर खाली ढंढनाये।

जब से स्मार्ट हुआ है ये, हम भी स्मार्ट कहलाएँ……


ये मीठा-मीठा ज़हर है, ये नशे सा सर चढ़ कर बोले,

ये स्मार्ट है अब इतना, की आदमी सर झुकाए डोले।

कॉपी-कलम की अब इज़्ज़त नहीं, इसको ही सर से लगाएं,

आँख किसी से मिलती नहीं, बस इस पर ही नज़र हैं गड़ाए।

जब से स्मार्ट हुआ है ये, हम भी स्मार्ट कहलाएँ……


इसमें रास्तों का पता है, भटकाता है लोगों को फिर भी,

लोगों को ये जोड़ता है, भरमाता है रिश्तों को फिर भी।

विज्ञान का ये तोहफा भी है, ज़िन्दगी को आसान बनाए,

ज़रूरी तो है पर इतना नहीं, की ज़रूरत ही बन जाए।

जब से स्मार्ट हुआ है ये, हम भी स्मार्ट कहलाएँ……



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