तुम भूल जाओ यकीनन हमें सपनों में हर घड़ी मुलाकात तो होगी दूर हो गए बहुत आज तुम मगर तुम भूल जाओ यकीनन हमें सपनों में हर घड़ी मुलाकात तो होगी दूर हो गए बहुत आज तुम ...
नदी की जरूरत शारीरिक से अधिक मानसिक है नदी की जरूरत शारीरिक से अधिक मानसिक है
क्या थी मैं तेरी? चाहत या जरूरत! दूँ इसे नाम क्या नजायज मोहब्बत। क्या थी मैं तेरी? चाहत या जरूरत! दूँ इसे नाम क्या नजायज मोहब्बत।
किताबों की बातें अच्छी तो थी बहुत मगर, दुनिया वालों का कुछ और ही इरादा था। किताबों की बातें अच्छी तो थी बहुत मगर, दुनिया वालों का कुछ और ही इरादा था।
रानी से ख़्वाब थे लेकिन अंजान थी चाल से ऐसे में एक पहचान के लिए जहाँ ज़रूरत पड़ी घोड़े को प... रानी से ख़्वाब थे लेकिन अंजान थी चाल से ऐसे में एक पहचान के लिए जहाँ ज़र...