"नाज करती हिन्द प्रजा सारी"
"नाज करती हिन्द प्रजा सारी"
जिन पर नाज करती है, भारतीय प्रजा सारी
जिन्होंने हिंद पर वार दी, अपनी जिंदगी सारी
उन भगतसिंह को बधाई जन्मदिन पर भारी
जिनके आगे लाचार हुए थे, अंग्रेज अधिकारी
जिन्होंने देश भक्ति की लगाई, ऐसी चिंगारी
अंग्रेजो को याद आ गई थी, अपनी नानी
सुख, राज, भगत को याद करे, हिंद नर-नारी
उनकी मातृभूमि से कुछ ऐसी थी, वफ़ादारी
जो लटके फांसी पर, ऐसे थे, वीर क्रांतिकारी
फांसी के फंदे को वो समझते थे, फुलकारी
आज उन्हीं, वीर भगतसिंह जी की जयंती है
हर भारतीय के हृदय में जो उनका मंदिर है
आओ देशप्रेम उनसे रखे, हम नित ही जारी
जिनके कारण ही मिली, हमे आजादी प्यारी
उन शहीदों को प्रणाम करो, हम सब नर-नारी
सोचों, जो न लड़ते क्या होती हालात हमारी
बिना पसीना बहाए, फूल न खिलते, सुगन्धकारी
बिना लहूं बहाए कैसे मिलेगी आजादी, सुखकारी
वीर शहीदों कारण आजाद हुई, भारत मां हमारी
नाज करती है, भगतसिंह पर हिंद की प्रजा सारी