STORYMIRROR

Kishan Negi

Drama Inspirational

4  

Kishan Negi

Drama Inspirational

कुछ-कुछ

कुछ-कुछ

1 min
315

अगर तुम सोचती हो कि

मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है

तो शायद तुम ग़लत हो

तुमने ही तो कहा था कल

मुझे देखकर कुछ-कुछ होता है 

अक्सर तुम्हारे दिल में

कुछ कुछ होता तो इधर भी है दिल में

मगर ये कुछ-कुछ इश्क की हवा नहीं है 

जज़्बातों का बेकाबू समंदर नहीं है 

दिल्लगी का मासूम खिलौना नहीं है 

ये कुछ-कुछ तो बस मत पूछो 

मेरे अंदर उफनता इक जुनून है, पागलपन है

जो उड़ा कर ले जाते है मुझे हर पल

नीले आसमान की ऊंचाइयों के उस पार

तुम समझती हो तुम ही मेरी मंज़िल हो

मगर ये ख़्याल कभी दिल में मत लाना

मेरी मंज़िल तो वह है

इन आंखों को है जिसकी तलाश आज भी

नाराज़ न होना कुछ कहना है मुझे

पगली गलती तुम्हारी नहीं

ये कमबख्त उम्र ही ऐसी होती है

नजरें मिली नहीं कि इश्क हो गया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama