गर मुमकिन हुआ
गर मुमकिन हुआ
दिल से निचोड़ कर उम्र के ये सितम,
जाएंगे बचपन कि गलियां कभी,
मिलेंगे तुम्हें फिर हम उसी मोड़ पर,
इक बस्ता लिए,
चेहरा हँसता लिए,
गर मुमकिन हुआ,
गर मुमकिन हुआ,
अब भी आता नहीं,
बातें करना हमें,
इश्क़ में तो हम अब भी नादान हैं,
हम शर्माएंगे बस तुम्हें देखकर,
तुम हमें देखना चाहे ना देखना,
फिर उसी मोड़ पर हम मिलेंगे तुम्हें,
गर मुमकिन हुआ,
गर मुमकिन हुआ।

