दीपावली
दीपावली
दीपावली पर हर राह जगमगाती रहे
दीपों की रोशनी जीवन में रहे।
छोटी-छोटी यह खुशियाँ जब भी मिलें।
बटोर लो मोती ,जो तुमको मिलें।
पटाखे की आवाज में ,कर दो अनसुना नफरत को।
फुलझड़ी के जैसे सबके जीवन में भरो रोशनी को।
चकरी के जैसा ,यह जीवन तुम्हारा ।
घूमें गोल -गोल यह मनवा तुम्हारा।
घूमें भले ही गोल -गोल तुम ।
पर प्रकाशित करते हृदय चले हम तुम।
दरवाजे पर रंगोली, करती है अठखेली।
उसके जैसे अपने, मेरे, तेरे सबके जीवन कर दो रंग रंगीली।
दीप श्रृंखला जब छत से देखे ,लागे सुंदर और सजीली ।
हर मन को अति , हर्षायें प्रेम भरी दीपावली।
