मिल पाओगे क्या?
मिल पाओगे क्या?
चलो इंतज़ार करती हूँ तुम्हारा
तुम बताओ..
मुझे तुम मिल पाओगे क्या
मैं कभी तेरे फैसले से इंकार नहीं करूँगी
जैसी भी हो जिंदगी..मैं तेरा साथ दूंगी
पर तुम बताओ..
इस सफर में मेरा साथ दे पाओगे क्या।।
बने रिश्ते जो कमजोर पड़ गये
क्या उन रिश्तों को संभाल पाओगे क्या
मैंने दिल में तुझे बसाया था
हर बुरी नज़र से छुपाया था
मैं रूह में तुम्हारी बस जाऊं
और तुम मुझ में कहीं समा जाओ
बस इतनी सी बात मान पाओगे क्या ??
चलो इंतज़ार रहेगा तुम्हारा...
मुझे कभी तुम मिल पाओगे क्या??