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Vaidehi Singh

Tragedy

4  

Vaidehi Singh

Tragedy

तोड़ दिया

तोड़ दिया

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दरारों वाले दिल को और तोड़ दिया, 

मेरे जीवन की हर राह को कुछ ऐसे मोड़ दिया, 

कि तेरी याद दिलाने वाली हर चीज़ से मैंने मुहँ मोड़ लिया, 

तेरे इस स्वभाव को भी मैंने सौ में करोड़ दिया, 

जो तुने कभी न खत्म होने वाले दुख से मेरा नाता सा जोड़ दिया। 

कभी तेरी आँखों ने सारी दुनिया की सुंदरता दिखाई, 

कभी तेरे होंठो से बोले हर शब्द ने मुझे प्रीत की रीत सिखाई। 

प्राणवायु मेरे लिए, तेरी छोड़ी हुई हर एक साँस, 

तेरी मुस्कान मेरे मन के मरुस्थल में वर्षा की एक आस। 

मगर उसके हाथों ने मुझे, उसके ख्यालों से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया, 

और अधूरी चाहत का सबक सिखा दिया। 


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