मरुथल जैसा मेरा जीवन... मरुथल जैसा मेरा जीवन...
उसी मृगी की तरह जो दम तोड़ देती है मरुथल में, पर रुकती नहीं। उसी मृगी की तरह जो दम तोड़ देती है मरुथल में, पर रुकती नहीं।
तुमको पा कश्मीर सा भोपाल सा खिलता हूँ मैं सच कहूँ तुम ही प्रिये मेरी राजधानी हो गई तुमको पा कश्मीर सा भोपाल सा खिलता हूँ मैं सच कहूँ तुम ही प्रिये मेरी राजधानी ...
आकाश को कृष्ण से श्वेत कब तक तू रंगवायेगा। नहीं करेगा तो चिंता से ठगा सा रह जाएगा।। पेट की अग्... आकाश को कृष्ण से श्वेत कब तक तू रंगवायेगा। नहीं करेगा तो चिंता से ठगा सा रह ज...
हे कृष्ण! जब तू गहरी योग निद्रा में है तब तेरे बनाये इस विश्व का , इस प्रकृति का विध्वंस हो रहा है। हे कृष्ण! जब तू गहरी योग निद्रा में है तब तेरे बनाये इस विश्व का , इस प्रकृति का...
दरारों वाले दिल को और तोड़ दिया, मेरे जीवन की हर राह को कुछ ऐसे मोड़ दिया। दरारों वाले दिल को और तोड़ दिया, मेरे जीवन की हर राह को कुछ ऐसे मोड़ दिया।