शीर्षक: आ जा मन मीत
शीर्षक: आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
भिगोये है तन- मन
हर्षाए आज मन मेरा
विरहन की ये पुकार
आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
भीगे भीगे मौसम में
हरे- भरे उपवन में
कोई गीत गुनगुनायें
आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
सावन ही हैं बहार
सजती हैं हाथों में
हरी-हरी चूड़िया
आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
साजन के प्रीत की टीस
भाये ना झूले का झूलना
और सजन से ये दूरियां
आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
सावन की रिमझिम फुहारें
मन में करें हिलकोरें
अब तो साजन दिल पुकारे
आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
मन मेरा बावरा सा भटके
सखियां तीज मनाए
मेरा मन तरसाये
आ जा मन मीत
बारिश की ये बूंदें
झूले बागों में पड़े
सावन के गीत की बयार
अब मन मेरा गुनगुनाये
आ जा मन मीत।