जीवन के संग्राम में हम करें आभार उसी परमात्मा का। जीवन के संग्राम में हम करें आभार उसी परमात्मा का।
पाँव है और जलकुंभी पाँव है और जलकुंभी
मंजिल को पाने के लिए बढ़ चलूं बिना खौफ के बार फिर। मंजिल को पाने के लिए बढ़ चलूं बिना खौफ के बार फिर।
तुम मुझे दूर ना कर देना, जैसा हूं तेरा कहलाऊं। तुम मुझे दूर ना कर देना, जैसा हूं तेरा कहलाऊं।
कोशिश इतनी करो कि मंजिल भी तुम्हारी होने को बेताब हो... कोशिश इतनी करो कि मंजिल भी तुम्हारी होने को बेताब हो...
बुद्धिमती से मूढमति बन चरितार्थ कर जाती है किताबों में छपी हुई स्त्री की महान पर बुद्धिमती से मूढमति बन चरितार्थ कर जाती है किताबों में छपी हुई स्त्...