कठपुतली
कठपुतली
परिस्थितियां
नचाती रहती हैं,
हम सब को,
इस रंगमंच पर
कठपुतलियों की तरह
जीवन के
आरोह- अवरोह
चलते रहते है,
उसी के इशारों पर।
उस अनाम शक्ति के
इशारों पर
जीवन भर नाचना हमारी
नियति है
जीवन की डोर
उसके ही हाथ में है
हम में है चेतना,
हम में हैआत्मशक्ति
उसी की बताई राह पर
चलना ही है हमे हरदम
अवरोधों को चुनौती देना
आगे बढ़ते रहना ही
हमारा पौरुष है
उसके ही हाथ मे जो
कठपुतलियों सा
नचाता रहता है
जीवन के संग्राम में
हम करें आभार
उसी परमात्मा का।
