STORYMIRROR

Alka Soni

Inspirational Others

2  

Alka Soni

Inspirational Others

मरघटों की शांति

मरघटों की शांति

1 min
2.8K

मौन रहकर

अंतर में

लहू को एक

उबाल दे

भय दिखाती हो

अगर मृत्यु तो

भुजबल से

उसको 

टाल दे

सुनाई देती हो

हाहाकार तो 

जूझ कर तू

कदमों को

मिलाकर ताल दे

बधिरों से भरी 

सभा में

ऊंची कर 

आवाज़ तू

मरघटों की शांति में

एक बवाल दे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational