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Satyendra Gupta

Inspirational

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Satyendra Gupta

Inspirational

रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट

रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट

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रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट

जब हो जाओ अपने जीवन से हताश

जब आए नजर अंधेरा तुम्हारे साथ

हो जाओ अकेला साथ न दे कोई

करो रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट


मत समझना गुजर गया समय तुम्हारा

मत समझना दिल गया बैठ तुम्हारा

दुनिया का मत सोचो ,सोचो अपना तुम्हारा

टूटी हुई हड्डी , हारी हुई कब्बड़ी

हड्डी जुड़ जाती है, कबड्डी जीती जा सकती है

तो फिर हार मानना ही क्यों

उदास होना ही क्यू

करो रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट ।


मेहनत का साथ छोड़ो नहीं

सपनों से अपना मुंह मोड़ो नहीं

रात या अंधेरे से तुम डरो नहीं ं

ईमानदारी का साथ छोड़ो नहीं

वो करो जो और कोई करता नहीं

फिर भी जाओ तुम हार 

तब करो रिस्टार्ट, रिस्टार्ट,रिस्टार्ट,रिस्टार्ट।


आज जमाना देते होंगे ताना 

आज जमाना हंसते होंगे मैने माना

कहते होंगे समय कर रहा बर्बाद

कहते होंगे कर रहा पैसे बर्बाद

मत सुनो उनकी बातें

मत रुको बीत जाएंगी रातें

बस तू कर एक ही काम 

रिस्टार्ट, रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट।


मेहनत करने वाला सफल होता है जरूर

कदम बढ़ाने वाला नहीं होता कभी मजबूर

क्योंकि उसे चलना ,केवल चलते जाना है

जो लक्ष्य है ठाना , वहां पहुंच जाना है

अभी तो दुनिया को तुम्हे दिखलाना है

चाहत को चाहे जैसे भी उसे ही पाना है

करते रहो रिस्टार्ट, रिस्टार्ट, रिस्टार्ट , रिस्टार्ट।


दशरथ मांझी पहाड़ देखकर जाता डर 

वो पहाड़ तोड़ पाता नहीं

रास्ते वो बना पाता नहीं

चंद्रयान असफल होने पे जाता डर

दुबारा अपना परचम लहराता नहीं

सैनिक सोचते युद्ध में मारे जायेंगे

देश सेवा में वो जा पाता नहीं

तुम सोचो सफल हो जाओगे जरूर

करते रहो रिस्टार्ट, रिस्टार्ट, रिस्टार्ट, रिस्टार्ट।



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