दीपक और अध्यापक
दीपक और अध्यापक
छोटा दीप कहें हम जिसको
जग का तम हर लेता है
नन्हीं लौ से वह अपनी
महिमा का परिचय देता है
आँधी-तूफां में क्या कूवत
जो तनिक भी इसको रौंद सकें
तेज हवाओं के झोंके
इसके दम को तोड़ सकें
मंदिर-मंदिर जलता और जग की
राहें आलोकित करता है
अपने वजूद पर संकट फिर भी
पथिक को प्रेरित करता है
नन्हे दीपक से सीखें हम
परहित कैसे होता है..!
एक समर्पित अध्यापक सा
कच्ची मिट्टी गढ़ता है
अपने अथक प्रयासों से
सोने को कुंदन करता है
इसीलिये जग सबसे पहले
गुरु का वंदन करता है...।।।