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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"कभी न आये वो शाम"

"कभी न आये वो शाम"

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मेरी जिंदगी की हर सुबह और शाम

मैंने तो कर दी है,बालाजी तेरे नाम

तेरी भक्ति में जो मजा,वो और कहां,

बालाजी जीवन में करना वो इंतजाम

में निसदिन लेता रहूं,बस तेरा नाम

दुःख में ज्यादा लेते है,सब तेरा नाम

में तो वारि जाऊं ऐसे ही दुःख तमाम

जो सुमिरन कराये है,बालाजी नाम

तुझे याद न करूं बालाजी,हनुमान

जीवन मे न आये मेरे कभी वो शाम

अगर भूल से भूलूँ में कभी तेरा नाम

उसीक्षण मिट जाये मेरा नामोनिशान

तेरी भक्ति ही मेरी शक्ति है,भगवान

में साखी,जन्म-जन्म का तेरा गुलाम

तू ही मेरी आत्मा,तू ही मेरा प्राण

तेरे बिना मेरा न जग मे कोई काम

तुझे याद न करूं,बालाजी,हनुमान

जीवन मे न आये मेरे कभी वो शाम

हर परिस्थिति में लेता रहूं,तेरा नाम

दे जन्म-जन्म की भक्ति का वरदान

बस यही आखरी तमन्ना है,भगवान

तुझे याद करते निकले तन से प्राण।



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