छू लूं आसमान
छू लूं आसमान
आकांक्षाओं के आकाश
में सपनों के सितारे को
चमकाने दो,
इठलाती बलखाती नदियों
की तरंग,
को बहने दो,
कदम की छैया तले,
शीतल पवन पुरवैया दो,
अगवाई कर सावन की
अँखियों से,
नयन नीर बहने दो,
मन के अरमानों को,
ऊंचे आसमान तले सजने दो,
उड़ जाऊं बनकर पंछी में,
अब पंख फैला ये उड़ ने दो।
सपनों के सितारे को चमकाने दो ।