उड़ान
उड़ान
हौसलों से आसमान छूने की हिम्मत कर।
खुले परिन्दों की तरह खुुलकर सास लेने की कोशिश कर।
ना रूकना ,न थकना है तुमें।
आज बस अपने सपनों को पूरा करना हैं तुमें।
आसान नहीं होगा ये उडने का सफर।
पर क्या करे मंजिल हैं, युही नही मिल जाती।
बिना संंघर्ष के।
उड़ान तो भरनी ही है लेकिन,
अपनी पहचान नही खोनी हैं।
बेटा नही बेटी बनकर ही रहना हैं।
छोड़ दो वो बातें सारी,
जों तुम्हें उन गलियों में सुननी पड़ी।
आज बनकर कुछ येसा दिखा,
की एक दिन वही गलियां तुम्हारे नाम से मशहूर हो।
ये दुनिया है, जंजीरों भरी,
आज बस वही जंजीरों को तोडना है तुम्हें।
आज उड़ाना है तुम्हें, बस उड़ाना है तुम्हें।
अपनी मंजिल को हासिल करना हैं तुम्हें।
