अलग रास्ते
अलग रास्ते
एक ही रास्ते पर चलना था हमें,
लेकिन अब अकेले ही रह गए।
वादा किया था साथ रहने का,
पर अधूरे रास्ते पर छोड़ गए।
जिस दिल में थी तस्वीर तुम्हारी ,
अब आंसुओं में याद बनकर बह गई।
कल कि थी वो बातें सारी ,जिसमें याद तुम्हारी थी,।
अब फिर से मुस्कुराते हुए चलना सिख लिया हमनें,एक अलग रास्ते पर।
अब तो वो रास्ता भी हमें अपना सा लगने लगा,
गुज़रे हुए ज़माने को भूलाने का नज़रिया बन गया।
अगर कभी हमारे गलियो में से गुजरें तो, ज़रा पीछे मुडकर ज़रूर देखना,
हम आज भी आपको वहीं मिलेंगे ,पर एक नये मोड़ पर।

