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vartika agrawal

Inspirational

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vartika agrawal

Inspirational

कुंडलियां

कुंडलियां

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कहकर यह रोते सदा ,मिला न मुझको मीत।

नहीं कभी कोई लिखा ,मुझ पर कोई गीत।।

मुझ पर कोई गीत, तोड़ दिल मुझको छोड़ा ।

बीच फँसा मँझधार,ईश पथ मुझको मोड़ा।।

तेरा तो है ईश, प्रेम दे उर में रहकर।

तुमसे ही हैं ईश,नहीं रो धोखा कहकर।।



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