STORYMIRROR

vartika agrawal

Classics

4  

vartika agrawal

Classics

सरयू नदी

सरयू नदी

1 min
397

कल-कल करती बहती,शुचि सरयू जल-धारा।

बूँद-बूँद ने देखा ,युग-युग बीता सारा।।


शीतल लहरे गाए, राम-लला जी आएं। 

धन्य अवध नगरी है,वासी सब मुस्काएं।।

अंत प्रतीक्षा की है ,जिसने जीवन वारा।

बूँद बूँद ने देखा ,युग-युग बीता सारा।।


रामप्रिया तटिनी तो,राम-कथा ही गाती।

उद्धारक प्रभु रघुवर ,ईश प्रीति के बाती ।।

दशरथ सुत दुख-भंजक, भक्त हुआ जो प्यारा ।

बूँद-बूँद में देखा ,युग-युग बीता सारा।।


प्यासे जिनके नैना,उनकी प्यास बुझाए।

श्रीपति पावन-नैना ,कमलनयन कहलाए ।

पद्म-चरण को छूकर ,तरनी ने उर हारा।

बूँद-बूँद ने देखा,युग-युग बीता सारा।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics