सरयू नदी
सरयू नदी
कल-कल करती बहती,शुचि सरयू जल-धारा।
बूँद-बूँद ने देखा ,युग-युग बीता सारा।।
शीतल लहरे गाए, राम-लला जी आएं।
धन्य अवध नगरी है,वासी सब मुस्काएं।।
अंत प्रतीक्षा की है ,जिसने जीवन वारा।
बूँद बूँद ने देखा ,युग-युग बीता सारा।।
रामप्रिया तटिनी तो,राम-कथा ही गाती।
उद्धारक प्रभु रघुवर ,ईश प्रीति के बाती ।।
दशरथ सुत दुख-भंजक, भक्त हुआ जो प्यारा ।
बूँद-बूँद में देखा ,युग-युग बीता सारा।।
प्यासे जिनके नैना,उनकी प्यास बुझाए।
श्रीपति पावन-नैना ,कमलनयन कहलाए ।
पद्म-चरण को छूकर ,तरनी ने उर हारा।
बूँद-बूँद ने देखा,युग-युग बीता सारा।।
