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vartika agrawal

Inspirational

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vartika agrawal

Inspirational

चले हैं

चले हैं

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खड़ा रो रहा जो हँसा कर चले हैं।

सभी को गले से लगा कर चले हैं।


वतन सो रहा था यहाँ जो सदी से.. 

सभी को बराबर उठा कर चले हैं।


न शिकवा शिकायत किया दिल किसी से ..

सभी को सभी से मिला कर चले हैं।


मुसाफिर सभी हैं खुदा है ठिकाना..

यही बात सबको बता कर चले हैं।


न'वरदा' कहेगी कभी ग़म कहीं दो..

न कोई गिला दिल लगा कर चले हैं।


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