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Ritik Dhiman

Inspirational

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Ritik Dhiman

Inspirational

मेहनत कर

मेहनत कर

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ज़िंदगी मुश्किल है

ग़मो से भरी

खुशियों से दूर है

अपने रुलाये अपनो की खातिर

बेदर्दी बैठी उनकी हूर है


रोकर रात को सोता हूं

सपने फिर जगा देते हैं

महेनत कर कर मरता हूं

नाकम्यबि फिर रुलाती है

अपने ही अपनो से जलकर 

दूर हुए ऐसे जैसे 

रातो की रोशनी को अंधेरे से गिला है


कई बार सोचा जिंदगी से हार मान लूं

पर माँ का ख्याल रोकता है

बाप का फकर था कभी

आज बाप की चिंता की बजह हूं

मेरी कामयाबी की दुआएं मांगे दोनो

मन मे फिर मेहनत करने का ख्याल होता है


ज़िंदगी आसान नहीं सूरज ने कहा

तू परिंदा अंजान है

उड़ान है तेरी यही

पंखों को फलाकर देख ऊँचाई की और

तेरी मंजिल दूर है मेहनत कर 

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सफ़लता तेरी यही है


बाज़ की तरह तुझे उड़ना होगा

बारिश गर्मी सर्दी मे तुझे ना रुकना होगा

बादलों के उपर तेरी उदान होगी

तू मेहनत कर

मंज़िल तेरी का रास्ता सबसे उपर होगा


आज तू रातो को जागेगा

कल तेरा सूरज की तरह होगा

तु मेहनत कर

एक दिन तेरी नाकम्यबि का रास्ता कामयाबी मे होगा


तू गिरा है मैं जानता हूं

बक्त तेरा बुरा है मैं मानता हूं

पर कल तेरा सफ़ल होगा 

तु महेनत कर 

एक दिन तेरी मंजिल का रास्ता तेरे पास होगा


सफ़लता पाना आसान नहीं  

महेनत मे कभी आराम नहीं  

आज सोने की तरह आग मे तपेगा

कल तेरा होगा आभूषण की तरह दाम यही

तू महेनत कर सफ़लता तेरी तेरे पास यही।



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