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डॉ० कुलवीर बैनीवाल

Inspirational

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डॉ० कुलवीर बैनीवाल

Inspirational

शब्द क्या है?

शब्द क्या है?

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ये शब्दों की दुनिया है, ये शब्दों का संसार है,

बिना इन शब्दों के जीवन बेकार है ,

जब तक न जान पाए हम 

इन शब्दों की दुनिया को,

तब तक मन में उठे जिज्ञासा का तूफान हैं, 

जब जान जाते इन शब्दों के हेर फेर को

लगता ये ही हमारा जहान है।


सबसे पहले हम पढते स्वर और व्यंजन

उनसे जानते हम साज और राग है,

इन्हीं शब्दों से जानते हम उपमा और अलंकार,

इन सात सुरों से सुरमई सी सुबह, ख्वाहिशों से भरी रात है.


इन शब्दों से हम जान पाते

एक दूसरे की बोली को,

उनके प्रेम को;

वैसे प्रेम के लिए नही किसी बोली की जररूत,

मगर वो भी बंधा शब्दों के फेर में,

तभी तो सिमट गया ढाई अक्षर में,

कभी कभी प्रेम को व्यक्त करने के लिए

होती जरूरत शब्दों की.


मन के भाव और दिल को तसल्ली देने वाले

वो शब्द जिन से मन हो जाता भाव विभोर है,

ये शब्द जो कभी हमको हंसाते तो कभी रुलाते हैं,

तो कभी हमें कर जाते निशब्द है.


यही शब्द, तो है जो जीवन का पाठ पढ़ाते हैं,

शब्द महखाने की शाकी,शब्द मीरा का गान,

शिखर की चोटी से मिट्टी तक ले जाने वाले शब्द ;

इन शब्दों के वजह से लोग इतिहास बनाते हैं,

कुछ गलत शब्दों की वजह से मिट्टी में भी मिल जाते है।

और आखिर में "कुलवीर बैनीवाल" कहता है

सबकुछ चला जाता है, रह जाते बस शब्द ही है।



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