खुद से ही जीतने की कोशिश कर जिद्द बना ले तू
खुद से ही जीतने की कोशिश कर जिद्द बना ले तू
खुद से ही जीतने की कोशिश कर जिद्द बना ले तू ,
हर मुसीबत से डटकर लड़ना सीख ले तू ,
रोक रही है आगे बढ़ने से तुझको जो ,
तोड़ दे उन पैरों की हर बेड़ियाँ तू।।
खुद से ही जीतने की कोशिश कर जिद्द बना ले तू ,
मुश्किल है मगर नामुमकिन नहीं,
दिखा दे उन आँधियों को टूटी हुई बेड़ियाँ,
बता दे उनको, जो दे रहे चुनौतियाँ तुझको,
जता दे उनको, हार मानूंगा नहीं,
धिक्कार रहे थे जो, तेरे जमीर को,
दिखा दे जीतने की कला को तू,
खुद से ही जीतने की कोशिश कर जिद्द बना ले तू।।
उदास मत हो, तू किसी से छोटा नहीं है,
वो कर सकता है तू, जो किसी ने सोचा नहीं है,
कह रहा है "कुलवीर बैनीवाल" तुझको,
दुनिया की औकात नहीं है उड़ने से रोके जो तुझको,
बंदी(कैद) है अपने ही नजरिये के पिंजरे में तू ,
खुद से ही जीतने की कोशिश कर जिद्द बना ले तू।।|