जब आज़ादी में डूबा चुके है रूह ! अगर मिला कोई हसीं पिंजरा उसमे ऐसे ही बस गए तुम - तुम फिर नहीं हो... जब आज़ादी में डूबा चुके है रूह ! अगर मिला कोई हसीं पिंजरा उसमे ऐसे ही बस गए तु...
मैं जितना भी चाहूँ बेड़ियाँ तोड़ नहीं पाया अपनी इस काया का साथ छोड़ नहीं पाया। मैं जितना भी चाहूँ बेड़ियाँ तोड़ नहीं पाया अपनी इस काया का साथ छोड़ नहीं पाया...
फूलों का मौसम वहाँ रहता सदा जिस भी आँगन में बेटी गुनगुनाए फूलों का मौसम वहाँ रहता सदा जिस भी आँगन में बेटी गुनगुनाए
मेरे फड़फड़ाते पंखो की उड़ान तुमने छीनी। मेरे खिलखिलाते होठो की मुस्कान तुमने छीनी। मेरे फड़फड़ाते पंखो की उड़ान तुमने छीनी। मेरे खिलखिलाते होठो की मुस्कान तुमने छी...
अब चल पड़ी हूँ मैं नारी। अब चल पड़ी हूँ मैं नारी।
एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई। एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई।