STORYMIRROR

Gautam Sagar

Others

3  

Gautam Sagar

Others

जैसे बारिश में धरती गुनगुनाए

जैसे बारिश में धरती गुनगुनाए

1 min
451

जैसे बारिश में धरती गुनगुनाए

आओ वैसे ही हम भी गुनगुनाए


सोने का पिंजरा तोड़ पंछी भागा

जब चाहे अपनी मर्ज़ी गुनगुनाए


फूलों का मौसम वहाँ रहता सदा

जिस भी आँगन में बेटी गुनगुनाए


कुदरत का संगीत बहता रहता है

पहाड़ों की चोटी - घाटी गुनगुनाए


बंद ताले के पार से आती आवाजें

संदूक में पुरानी चिट्ठी गुनगुनाए



Rate this content
Log in