STORYMIRROR

Gautam Sagar

Classics Inspirational

4  

Gautam Sagar

Classics Inspirational

नागफनी को भी चम्पा के बागों में हम रखेंगे

नागफनी को भी चम्पा के बागों में हम रखेंगे

1 min
66

हम सूरज को निगलेंगे 

ऐसी न कोई तमन्ना है।


हाँ ! लेकिन हम एक दिया बन 

अँधेरों को तोड़ेंगे 

हाँ ! लेकिन हम जुगनू बनकर 

रात कलश का फोड़ेंगे 

हाँ लेकिन हम तीली पर 

बारूद-कण सजाएँगे 

हाँ लेकिन हम तारों से 

सारा आँगन सजाएँगे 

 

हम दुनिया को बदलेंगे 

ऐसी न कोई तमन्ना है। 


हाँ! लेकिन कई दर्पण से 

धूल हटाते जाएंगे 

हाँ! लेकिन कई उपवन से 

शूल हटाते जाएँगे 

हाँ! लेकिन आधी खाकर 

आधी तो रोटी बाटेंगे 

हाँ! लेकिन दुखियों में  

मुस्कान के मोती बाटेंगे। 

 

हम दुश्मन को कुचलेंगे 

ऐसी न कोई तमन्ना है।  

हाँ! लेकिन शत्रु के मन से 

द्वेष हटाना चाहेंगे 

हाँ! लेकिन दुश्मन के दिल की 

आग बुझाना चाहेंगे 

 

हाँ लेकिन मैत्री के मनके 

धागों में हम रखेंगे 

नागफनी को भी चम्पा के 

बागों में हम रखेंगे


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics