STORYMIRROR

Gautam Sagar

Romance

4  

Gautam Sagar

Romance

(कहीं दूर जब दिन ढल जाए की तर्ज़ पर) गीत

(कहीं दूर जब दिन ढल जाए की तर्ज़ पर) गीत

1 min
520

कहीं दूर जब दिन ढल जाए

वही शाम जब फिर से आये 

प्रियतम तेरी याद दिलाये

आँसू भी लाये

इन्हीं अँधेरों के आँगन में

कोई जुगनू सा चमके हाय


सपनों में है वो सब शामिल बातें

तेरी मीठी -मीठी कातिल बातें

कभी तो खुल के

आँख ये छलके

आँसू मगर कोई नज़र ना आये

वही शाम जब फिर से आये

प्रियतम तेरी याद दिलाये


ग़ज़ल ही खो गई क्या हम गाते

लफ्जों में किसे हाल अपना बताते

सांस है सौतन , बैरी ये सावन

आग जिया में ये रोज लगाये


वही शाम जब फिर से आये

प्रियतम तेरी याद दिलाये


जाने किस के लिए हम यहाँ ठहरे

उथली सी आँखों में सपने हैं गहरे

ये मेरे सपने ना मेरे अपने

मांगती आँखें इनके किराये

वही शाम जब फिर से आये

प्रियतम तेरी याद दिलाये!

Movie/Album: आनंद (1971)

Music By: सलिल चौधरी


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance