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Shyam Kunvar Bharti

Classics

3  

Shyam Kunvar Bharti

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सब संसार

सब संसार

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एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई

लवट फिर ना आई इहे बा सुना सच्चाई।


भाई बहिन संगी माई अऊरी नारी  

केहु नाही साथ सुरधाम तोहरे जाई।

एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई

महल अटारी खेत खरिहाना होईहें बेगाना।

लेई नाही केहु पाई एकहू जाई

एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई।

माया नगरी ठगयार बसे इहवा सगरी

भरमवा फंसाई लुटिहे पुनवा कमाई।

 

एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई

जीव अंश ब्र्म्ह अंशी की है काया।

छोड़ी तन पिंजरा पंछी राह अनंत जाई

एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई।

कईला नाही कबहुँ परभू के भजनवा

पपवा गठरिया लेई पसारी हथवा जाई।

एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई

जनम चौरासी फेरवा भारती ना पड़िहे।

गुरु चरनिया धरी सिरवा परम धमवा जाई

एक दिन छोड़ी सब संसार चली जाई।


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